SHA256 (Secure Hash Algorithm 256-bit) is a cryptographic hash function that generates a fixed-size, 256-bit (32-byte) hash value from an arbitrary amount of input data. It is part of the SHA-2 (Secure Hash Algorithm 2) family, which was designed by the National Security Agency (NSA) and published by the National Institute of Standards and Technology (NIST) in 2001.
SHA256 की मुख्य विशेषताएँ:
1. स्थिर आकार का आउटपुट: इनपुट डेटा के आकार की परवाह किए बिना, आउटपुट हैश हमेशा 256 बिट्स (32 बाइट्स) का होता है।
2. निर्धारित: वही इनपुट हमेशा वही हैश मान उत्पन्न करेगा।
3. तेज़ गणना: हैश को तेजी से गणना की जा सकती है, जो कई अनुप्रयोगों के लिए महत्वपूर्ण है।
4. प्री-इमेज प्रतिरोध: हैश फ़ंक्शन को उलटना गणनात्मक रूप से असंभव है, जिसका अर्थ है कि आप इसके हैश मान से मूल इनपुट प्राप्त नहीं कर सकते।
5. कोलिज़न प्रतिरोध: दो अलग-अलग इनपुट ढूंढना बहुत कठिन है जो एक ही हैश मान उत्पन्न करते हैं।
6. एवलांच प्रभाव:इनपुट में एक छोटा सा बदलाव एक महत्वपूर्ण रूप से अलग हैश उत्पन्न करता है, जो सुरक्षा को बढ़ाता है।
SHA256 का व्यापक रूप से विभिन्न सुरक्षा अनुप्रयोगों और प्रोटोकॉल में उपयोग किया जाता है, जिसमें SSL/TLS, Bitcoin, और विभिन्न एन्क्रिप्शन एल्गोरिदम शामिल हैं। यह डेटा की अखंडता सुनिश्चित करने और नेटवर्क पर डेटा को सुरक्षित रूप से प्रसारित करने के लिए आवश्यक है।